ग़ज़ल लिखूं तो बता दे सनम मैं क्या लिखूं , तुझे माशूक़ लिखूं या कि बेवफा लिखूं । हजार पन्ने मैंने लिख लिख कर फ़ेंक दिए , कोई उसे ही न पढ़े तो नया क्या लिखूं । तेरे दोखे लिखे हज़ार , डायरी भर दी , अब जगह ही ना बची तो फिर कहां लिखूं । स्याही सूख गई, कलम ना चली साहिर, फ़क़त खून ही बचा है बता क्या लिखूं। #yqbaba #ghazal #kyalikhun #shayari