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क्यूँ मग़रूर है तू बेख़ुदी के आलम में, मेरी तिश्नगी

क्यूँ मग़रूर है तू बेख़ुदी के आलम में,
 मेरी तिश्नगी को यूँ अनदेखा तो न कर,
कुछ राहत मिले मेरी रूह को,
आमिल कोई तो ऐसा कलमा पढ़।

©Pushpa Sharma #diary #क्यूँ_मग़रूर #तिश्नगी_को_मेरी #आमिल #कलमा
क्यूँ मग़रूर है तू बेख़ुदी के आलम में,
 मेरी तिश्नगी को यूँ अनदेखा तो न कर,
कुछ राहत मिले मेरी रूह को,
आमिल कोई तो ऐसा कलमा पढ़।

©Pushpa Sharma #diary #क्यूँ_मग़रूर #तिश्नगी_को_मेरी #आमिल #कलमा