इंसाफ खुद इंसाफ पाने के लिए तरसता है, गुनाह भी आजकल खुली हवा में जीते हैं.... हवस का शिकार होकर अक्सर क्यों कलियाँ हि मुर्झा जाता है? #Insaaf_kab_milega #आखिरक्यों