उसकी उदासी में डूबी वो गीली आंखे, जब देखी उसकी झील सी नीली आंखे। शराब-खाना भूल गया दीवाना तब से, जब से देखी उसकी वो नशीली आंखे। तराने पडे हर शायर की डायरी में तब से, जब से देखी उसकी वो रंगीली आंखें। नज़र भर कर किसी ने जब-जब देखा तब, शर्मो-हया से झुक गई उसकी वो शर्मीली आंखे। उसके चेहरे का नूर देख फिसल गई नज़रे तब, जब देखी थी उसकी वो चमकीली आंखे। ©ajaynswami #ankhen