बेटी जब हर तरफ़ दर्द सा छाया था। हां वो बेटी ही थी, जिसने अपने पिता का दामन बचाया था। यूँ तो वो बिन बुलाये मेहमान सी चली आयी थी। लेकिन उसने भी घर ऐसे छोड़ा, जिसे न कोई रोक पाया था। खुशियों का वो पिटारा, जिससे न जाने कितने रिस्ते बँधे थे। उसका ही साया था ऐसा, जो उसने हर घर में फूल खिलाया था। न जाने कैसी ख़ुशनसीब सी जन्नत थी, जो लोग बस उसके लिए ही सजाते थे। हां ख़ूब प्रताड़ित भी करते थे, क्यों कि उसने उनके घर का ही जो खाया था। क्यों कि वो बेटी है न 😃 घर की आन ,घर की शान, घर की लक्ष्मी कहने वाले लोग अक्सर भूल जाया करते हैं... बेटियां तो दोनों ही हैं। #nojotohindi #nojoto #mehfooz_janab #wordswag #nojotopoetry #nojotians #wod #ctl #life #girl #बेटी #daughter #father #home