कुछ जानी पहचानी सी इक मेहक लायी है.. मेरे बचपने को झकझोरने एक हवा आई है.. क़सीदे पढ़ तो दिए मियां तुमने जाने कितने.. मग़र 'मिट्टी में होती है ख़ुशबू', ये बात मुद्दतों बाद समझ आई है ।। Home after 1.5 years