*पुलवामा घटना पर आधारित* *कविता* *____________________* अदम्य साहस के साथ हम बढ़े साहस और हिम्मत से भरे पड़े मन में कोई शोर नहीं था चारो तरफ हर कोई अपना कोई चोर नहीं था, | उनकी बुझदिल कायरता का कोई आभास नहीं था पीठ पीछे से कोई वार करेगा ये विश्वास नहीं था, | ना जाने कितने के चिराग बुझे थे ना जाने कितने के सिंदूर धुले थे ना जाने कितने बहनें राखी गंवाई ना जाने कितने बुढ़ापे की लाठी गंवाई, हर माँ ने सीने पे हाथ रखे थे जाने वहा का क्या हाल होगा मेरा लाल ना जाने किस हाल में होगा, देख कर उनकी साहस अम्बर भी सर झुकाये खड़ा था खुन के हर कतरे - कतरे मे देश देश भक्ति का रंग भरा पड़ा था शरीर का अंग कही इधर तो कहीं उधर प़डा था देख कर ज़मी की हालत गगन भी कुंठा से भरा प़डा था, जब शहीदों की एक साथ जाने लगी अर्थी तब गगन भी अंतिम क्षण रो पड़ा था माँ ने टुकड़ों में बेटों को पाया तब उसका कलेजा फट कर बाहर आया बोला साहब 6 फुट के लाल को टुकड़ों- टुकड़ों में कैसे करे स्वीकार 1 इंच कम होने पर आप कर देते अस्वीकार किसी के हाथों की मेहंदी भी ना छूट पाया था उसने अपना सुहाग गंवाया था बडा भयानक दौर वो आया था अश्रु की धारा को कोई ना रोक पाया था सबकी शहादत का कर्ज वो वीर चुकाया था सीना चौड़ा कर उसके घर में घुस कर सबक सिखाया था माँ भारती का लाज उसने बचाया था युगों युगों तक ये याद आयेगा 14 February को शहादत दिवस मनाया जायेगा तुम्हारी वीरता का गान बच्चा- बच्चा गायेगा अगर अब आयी कोई मुसीबत तो बच्चा-बच्चा सैनिक बन जायेगा | 🙏🙏🙏🙏🙏🙏 ✍️ Pragati की कलम से ✍️* #pulwamaattack *पुलवामा घटना पर आधारित* *कविता* *____________________* अदम्य साहस के साथ हम बढ़े साहस और हिम्मत से भरे पड़े मन में कोई शोर नहीं था चारो तरफ हर कोई अपना कोई चोर नहीं था, |