कुछ कर्मठ वादे जो अधूरे रहे बार , जिनसे मै करना चाहता था नए सवेरे का आगाज़ । कुछ अपने लिए करने थे जों काम , जिनसे सुधर जाता मेरा भूत , भविष्य और वर्तमान । कुछ सपने जो हर बार देखा करता था मैं , चाहे दिन हो या हो रात । जिनके पूरा होने पर भर जाता खुशियों से मेरा हर पल , बन जाता हर लम्हा यादगार ।।