देश में मौजूद सभी सफल व्यक्तित्व के पीछे एक अच्छे गुरु की भूमिका ज़रूर रहती है। एक बच्चे को मार्गदर्शन देने के साथ गुरु उसके व्यक्तित्व से भलिभांति परिचित कराता है, उसके अंदर छिपे समस्त गुणों से भलिभांति अवगत कराता है। अध्यापक की बात करें तो इसे ईश्वररुपी दूसरा दर्जा प्राप्त है।