साथ रहकर पता पड़ा चली जाऊंगी एक दिन तुझसे इतना दूर, की कभी लौट के ना आ सकूंगी । पर शायद उस वक्त तुझे कुछ समझा ना सकूंगी, बहुत दिल दुखाया है मैंने तेरा, बहुत दर्द दिया है तुझको, कर देना माफ़ मेरी सारी खताओं को, क्योंकि उस वक्त मैं तुझको मना ना सकूंगी, अपना खयाल रखना, खुश रहना हमेशा, तुझे पता है ना तेरी हंसी से मैं, अपना सारा गम भूल जाती हूं, हंसते रहना मुस्कुराते रहना, पर भूल मत जाना मुझे, मैंने सच्ची मोहब्बत की है तुझसे, मैं तेरी हूं, तेरी हूं, बस तेरी हूं, ये एहसास दिलाने तुझसे मैं वापस आ ना सकूंगी । ©maher singaniya मैं लौट के वापस ना आऊंगी...