अगर बेटीयां ना होती तो मेंहदी, रोली, कुमकुम का त्यौहार नहीं होता रक्षाबंधन के चंदन का मान नहीं होता उनका आंगन हरदम सुना सुना रहता है जिसके घर में बेटी का अवतार नहीं होता। #बेटीया ना होती तो