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पत्नी , बेटा - बेटी सब , पर सगा न कोई भाई

पत्नी , बेटा - बेटी   सब , पर
सगा   न   कोई   भाई  है , 
बहने  थी , अब  ईश्वर  के घर
लेकर   गई    बिदाई   है , 
सजी   हुई  हैं   कहीं  राखियाँ
खुशियों का त्योहार कहीं , 
पास  सभी  हैं  फिर  भी  मेरी
सूनी  आज   कलाई  है  ! 

अशांत (पाटलिपुत्र)

©Ramshloksharmaashant
  #international_youth_day