मै लोगो का दर्द लिखने वाला, कैसे अपना बयां करू, तुम ही बताओ कैसे मेरी रचना में मेरा जिक्र करू। ग़र कर दिया मैंने मेरा जिक्र क्या तुम समझोगे, मेरे टूटे हुए सपनों का क्या तुम इलाज बताओगे। नींदों में मेरे नैनो से हर रोज एक गंगा बहती है, उसे तुम पानी या मेरा दर्द बताओ क्या समझोगें। रेगिस्तान की रेत में एक आश जलाए रखता हूँ, क्या तुम उस एक आश की वजह समझ पाओगें। गर तुम नही समझ सकतें तो मै तुम्हें क्या समझू, बना रखा है जो तुम ने रिश्ता उसे बनावटी समझू। समझ न सको तुम मुझें इतने भी मनबुदि नही हो, फिर क्यों पूछते हो मुझसे तुम, इतने दुःखी क्यों हो। मेरा दर्द पूछने वालों कैसे मै अपना जिक्र करू, फिर क्यों मै मेरी रचना में मेरी ही फिक्र करू।। कैसे मै अपना दर्द बयां करू।। #nojoto #hindi #quote #poem #self #pen