White पेट की भूख वो अग्नि है जिसमें प्रेम, कर्तव्य, दया, धर्म, ग्लानि, संवेदना, अच्छाई बुराई, सही ग़लत का हर भाव भस्म हो जाता है, फिर दिखती है तो सिर्फ "रोटी"। हमारे संस्कारों की नींव हमारे पेट से जुड़ी हैं और हमारी नैतिकता पेट के भरे या खाली होने पर निर्भर करती है। #ग्लोबल हंगर इंडेक्स में#भारत105 वें स्थान पर# ©Andy Mann #हंगरी_इंडेक्स अदनासा-