हम कोरोना से लड़े और वो हमसे वो किसी की शय पर हम अपने दम पे। हमारी मुहिम को पटरी से उतारने के मनसूबे शातिर के न कुछ कम थे। कोई और होता तो कब का हो जाता बर्बाद कायम हैं क्योंकि हौसले हमारे बुलंद थे। बी डी शर्मा चण्डीगढ़ 17.09.2020 जंग-ए-कोरोना