दान जगत का प्रकृति धर्म है , मनुज व्यर्थ डरता है, एक रोज तो हमें स्वयं सब कुछ देना पड़ता हैं। बचते वही समय पर जो सर्वस्व दान करते हैं, ऋतु का ज्ञान नहीं जिनको,वे देकर भी मरते हैं। ©The entertainment real hero #महाभारतयुद्धभूमि #yaadein