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उन पुरुषों को दंडवत प्रणाम हैं, जो अपने घर की औरत

उन पुरुषों को दंडवत प्रणाम हैं, 
जो अपने घर की औरतों को छोड़ 
दूसरे के घर की औरतों की 
परवाह करतें हैं.....

जो #इनबॉक्स में जा कर hi, hello से 
शुरू हो कर उनके खानें पीने, परिवार, बच्चें, पति सब की ख़बर लेते हैं। 
दोस्तों यदि इतनी ख़बर अगर बीवी की ,ले ले तो घर में #लोकी नहीं 
#56_पकवान बनें मिलें।

जो स्त्री सुबह से शाम तक आपके लिए ,समर्पित हैं 
उसके समर्पण की थोड़ी तो लाज़ रखों ,यारो, थोड़ा उसके लिए भी 
कुछ काम करें। 
#परस्त्री आपके साथ नहीं रहेंगी,

जो उनके सामने मीठी मीठी बातें ,कर के वक़्त को यूँ जाया कर रहें। 
थोड़ा समय निकाल कर उनको भी ,फ़ोन या मैसेज करें 
जिनके दिन / जीवन की शुरुआत ,और अंत आप ही हैं।

और ये भी ध्यान रखें कि जिस तरह ,आप दूसरों की स्त्री की 
परवाह में लगें हैं ,कोई आपकी स्त्री की परवाह में ना लगें...... 
इसीलिए #बेवज़ह_यहाँ_वहाँ_भटकने से ,अच्छा हैं उन्हें वक़्त

दे जो उस वक़्त के हक़दार हैं। 
आपकी थोड़ी सी परवाह दोस्तों..

आपकी जिंदगी आसान और सुखमय बना देंगी।
#___मै #प्रेम #हूं..!

©पूर्वार्थ
  ये पंक्तियां दोनो  जेंडर के लिए है
आप दोनो को एक दूसरे की जरूरत है
साथ दे वक्त दे 
#पुरुष
#स्त्री

ये पंक्तियां दोनो जेंडर के लिए है आप दोनो को एक दूसरे की जरूरत है साथ दे वक्त दे #पुरुष #स्त्री #Poetry #प्रेम #हूं #इनबॉक्स #लोकी #परस्त्री #___मै #56_पकवान #बेवज़ह_यहाँ_वहाँ_भटकने

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