ख़्याल कुछ ऐसे भी...⊙ क्या फ़र्क़ पड़ता है फिर के... कौन ख़ुश हैं और #कौन_नहीं...? सबसे अजीब… बात तो ये है के... हम ना चाहकर भी… कभी-कभी... दिल की सुन लेते हैं... और ये दिल… उसे #पाने_की_फ़िराक़ में... बहुत कुछ… छुटवा देता है हमसे... जैसे इसने… मुझसे मेरी... सोचने की क्षमता... वहीं किसी भी… शै को खो #देने_का_डर । हाँ…! किसी ने सही कहा है... प्रेम जब… आपको छलता है… तो वो संसार के… सभी लोगों को... आपसे दूर कर देता है... जो आपके … बेहद क़रीब रहता है... कितने नादां हैं हम के... दुनिया की इस भीड़ में... ख़ुद को तलाशते-तलाशते... ख़ुद को ही #खो_बैठते_हैं ॥ #विचार_कीजिए ©पूर्वार्थ #alone