वादों के धागे जला रही हूँ, अब कुछ बातों को भुला रही हूँ, खुश हूँ या नहीं, ये पता नहीं, पर खुश दिखने की पहल सही, सब यादें दिल में मार रही हूँ, फिर से खुद को सँवार रही हूँ दिल लगाकर ज़िंदगी से, मन की मौत स्वीकार रही हूँ इस दफ़ा इश्क़ से हार रही हूँ, हाँ, फिर से खुद को सँवार रही हूँ। इश्क़ से हार रही हूँ, खुद को सँवार रही हूँ #MoveOnStory #Nojoto #Writeside