सूखे फूल पहली मुलाकात का फूल, जो खिल रहा था बहुत आज किताब में उस से , मुलाकात हो गई मुझे तुम्हारी याद आ गई, वो रिश्ते की तरह शुष्क पड़ा था उठा के फूल, तुमसे बात करने की चाह उठी तभी गुलाब की सारी पंखुड़ी झर उठी, सोचा फेक ही दू अब उसको क्योँकी , हम दोनी की बात अब रही नही वो नही करता याद, याद है मुझे, पर मैं उसको नही भूली ठीक उसी तरह, जैसे उसके गुलाब की निशानी मेरे किताब में छपी हुई है आज भी है #memoryalive #flowerimportance🌹🥀