आजाद हु मै आज ! है यह कोई हकीकत, या है कोई MIRAGE? इस भूमि के संस्कारो पर होता था मुझे नाज, साक्षी हु मैं कुछ ऐसे पलों की, जब सारे धर्म एकसाथ घोलकर आती थी एक अलग ही मिठास. मैली सोच ने कर दिया है यहाँ हर किसी को नापाक, देखे है मैंने कुछ ऐसे हैवानियत भरे साज, जब नन्ही चीखे आई थी वहा कठुआ के उसपार, इंसानियत की हो गई थी तब इस दुनिया मे मौत. मुझपर २०० सालो तक चला था क्रूर अत्याचार भरा राज, कई वीरों ने दिए बलिदान, तब जाके यह दिन आया है आज. क्या सच मे आजाद हु मै आज !? है यह कोई हकीकत, या है कोई MIRAGE? #AzaadHuMaiAaj