बस कर यार। हर बार मस्तिक को समझा लेता हू। पर दिल ही की समझता नही। यारी में यारी रह गया। बिन घड़ी राह रह गया। तुम बिना अरु। एक और नवंबर गुजर गया। हर हालत से गुजर गया। तुम बिन एक ओर वष गुजर गया। © pk Arun Kumare Daware और 1 नवंबर को जल गया #Love