गिरना केवल गिरना होता मृत्यु चक्र में न घिरना होता। नेत्रों में यूँ अश्रु जल भर के, काहे धैर्य निधि तू खोता। थपक-थपक डग भरना सीखा। उठ-उठ कर ही चलना सीखा। बस ख़ुद पर भरोसा करके, स्वप्न उड़ान भरना सीखा। नज़र टिका वहां, व्योम पे तू। कोशिश बाजू, लहरा दे तू। क्या गिला, आँधी से नादान! हौंसलों से नभ नाप ले तू। ।।मुक्ता शर्मा ।। ©Mukta Sharma Tripathi #muktamusafirparinde #mukta #inspiration #life #optimistic #मुक्ता #मुक्तामुसाफिरपरिंदे