पापा आप अकेले ही सब कुछ सह लेते हो अपने आप से ही क्यों सब कुछ कह लेते हो जहान भर की सारी खुशियां हमें ला देते हो अपने लिए कभी क्यों कुछ नहीं लेते हो बचपन में जो खिलौने की ज़िद मैं करता था कई बार तो कहते हुए भी मैं डरता था आप चुपके से मेरे दिल की बात समझ जाते थे मत डाँटना कहकर,खिलौने के पैसे माँ को दे जाते थे पढ़ लिखकर जो मैं कुछ बन सकूँ ज़माने में खर्च किया आपने खुद को मेरे लिए विद्या जुटाने में आपके कंधे का स्पर्श ही मुझे अर्श तक लाया है आप की तपस्या ने काबिल इस बेटे को बनाया है आज जो काबिल हो गया हूँ अपना धर्म निभाउंगा सबसे अच्छे पिता का,अच्छा बेटा बनकर दिखाऊंगा💗 पापा आप अकेले ही सब कुछ सह लेते हो अपने आप से ही क्यों सब कुछ कह लेते हो जहान भर की सारी खुशियां हमें ला देते हो अपने लिए कभी क्यों कुछ नहीं लेते हो बचपन में जो खिलौने की ज़िद मैं करता था कई बार तो कहते हुए भी मैं डरता था आप चुपके से मेरे दिल की बात समझ जाते थे मत डाँटना कहकर,खिलौने के पैसे माँ को दे जाते थे