शाख से टूट उस पत्ते को एक अरसा हो गया है। हाँ, थोड़ी धूल ज़रूर चढ़ गई है ऊपर, पर आज भी वो उतना ही हरा है। हवा के रुख के साथ आज भी वो उतनी ही तन्मयता से उड़ता है। हर झोंका बहाकर उसे एक नए आशियाने की ओर ले जाता है। लेकिन उस शाख के यादें आज भी उसके ज़हन में कैद हैं। शाख से विरह का वियोग आज भी उसे विचलित कर देता है। शाख से लगे मुस्कुराते फूलों को देखकर वो कभी-कभी खुद को कोसता है। अंदर प्रदीप्त इस विरह ज्वाला में जलते उसके चित को फिर एक झोंका दूसरी ओर मोड़कर अपने साथ उड़ा ले जाता है और ये क्रम निरंतर ही लगा रहता है। घर से दूर #needlessthoughts #lone_sailor #ghar #home #gharsedoor #awayfromhome #lost #blues #feelingblues