जाते जाते एक आह भी भर गए होंगे लोग जो मंज़िल के पास आके मर गए होंगें दिल में आया होगा ख़्याल क्या क्या सोचकर ऐसा कर गए होंगे कोई कर्जा होगा सिर पे उतार के चल दिए होंगें जिस बाप की हैं दो बेटियाँ जवान पड़ोसी के लडके को क़ातिल समझा रहें होंगें जिनके सीधे होने की लोग देते हैं मिसाले अँधेरे में जलेबी तल रहें होंगें सीधा तोड़ा गया होगा लकड़ी का टुकड़ा चंदन ख़ुशबू छोड़ गए होंगें वो क्या की याद रहा नहीं मुझको" दीप" लोग जो एहसान मुझपर कर गए होंगे पूजना किसे हैं अब के सभी देवता हैं पत्थर किसी एक पत्थर के सभी दूत बन गए होंगे गर्मी आएगी तो खोलेगा खलीता "दीप" मेरे ख़त ठंड में पिघल गए होंगें ©Deep Bawara #आत्महत्या_प्रवर्त_yourquote_मुर्दाबाद #nojotoapp #Karwachauth