चले आओ किसी की जुल्फ का बादल बुलाता है, तुम्हारी याद मे होकर कोई पागल बुलाता है, बुलाती हैं किसी की सन्दली बाहों की बेचैनी, किसी की आँखों का भीगा हुआ काजल बुलाता है। इमरान प्रतापगढी़ सर🙏 #Right__2__write