तुम्हे माँगा मैंने हर वो चौखट से जिसे लोग खुदा कहता है , संवारा तुझे ऐसे जैसे ज़ुल्मत-ए-शब में आसमा को सितारे सवारते है, तेरा मिलना ना मिलना ये तो थी तकदीर की बात, पर निचोड़ा जो तूने मेरे सुकून-ए-रूह मेरे अंदर बैठा शक्श उसका हिसाब माँगता है ! ©Harsh Raj #alone #लव #उदासियाँ_the_journey #writing #WritingForYou #writerscommunity