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महाप्रलय और मौत का तांडव देखेगी दुनिया । बढती म

  महाप्रलय और मौत का तांडव देखेगी दुनिया ।

बढती मांसाहार की प्रवृत्ति भूकंप और बाढ़ के लिए जिम्मेदार है। मनुष्य की स्वाद की चाहत- खासतौर पर मांसाहार की आदत के
कारण प्रतिदिन मारे जाने वाले पशुओं की संख्या दिनोंदिन
बढ़ रही है।

कत्लखानों में जब पशु काटे जाते हैं तो उनकी एक अव्यक्त
कराह वातावरण में भय और चिंता की लहरें उत्पन्न करती है।
  महाप्रलय और मौत का तांडव देखेगी दुनिया ।

बढती मांसाहार की प्रवृत्ति भूकंप और बाढ़ के लिए जिम्मेदार है। मनुष्य की स्वाद की चाहत- खासतौर पर मांसाहार की आदत के
कारण प्रतिदिन मारे जाने वाले पशुओं की संख्या दिनोंदिन
बढ़ रही है।

कत्लखानों में जब पशु काटे जाते हैं तो उनकी एक अव्यक्त
कराह वातावरण में भय और चिंता की लहरें उत्पन्न करती है।