सावन आया बादल छाए फूल खिले हैं डाली डाली नीले अंबर के नीचे देखो धरती पर हरियाली छाई मस्त मलंग से पपीहा बोले कोयल की कूक निराली है घूमर घूमर कर बादल गरजे बूंदों में सरगोशी छाई है हरी चुनरिया ओढ़े धरती हिय मे प्रीत जगाई है सावन की ये घटा सुहानी संदेशा पिया का लायी है | Ankita kushwaha सावन आया