मै घर से निकला था एक दोस्त के साथ, काम था , उसका इलाज के लिए जा रहे थे Nagpur, दोपहर के १२ बज चुके थे , हम हॉस्पिटल में आ गए थे , टेस्ट से पहले काउंटर पर दोस्त ने ३०० रु जमा किया क्योकि बिना फीस के कोई टेस्ट या वक़्त देता नहीं लगभग १घन्टे में टेस्ट करवाके हम वापस हो रहे थे शहर से बहार निकलकर जब हम ४०-५० किमी आ गए रास्ते में अनजान आदमी अपनी मोपेड से गिरा हुआ , घायल स्थिति में पड़ा था उसका हेलमेट मोबाइल कुछ पेपर वगैरह बिखरे पड़े थे हाथ पैर कांप रहे थे वो सब स्थिति देख हमने अपनी गाडी तुरंत रोकी और पूछा क्या कैसे कब ये हुआ उसने बताया , एक फोरव्हीलर कट मार गया मैं शादी में जा रहा था मेरे मन में घमंचा हुआ सोचा इससे पुछू हेल्प करने के कितना देगा देगा तो हेल्प करूँगा वरना नहीं कोई अहसान थोड़ी है क्यों गाली निकल रही है न? मन कर रहा होगा कितना कमीना है ये आदमी! पर नहीं हमने ये बिना सोचे उसकी मदद की उसकी गाडी रिपेयर कर, अलाइमेंट ठीक करके , सब बिखरा सामान उसको देकर मैने उसकी मोपेड चलाई और उस घायल व्यक्ति को दोस्त क साथ बैठाकर १०किमी पास पहली क्लिनिक तक छोड़ा और गाडी साइड लगाकर अंदर तक पहुंचाया उसने धन्यवाद् कहा और हम घर वापस आ गए दोस्त खुद एक एमआर है और मेडिकल एक सेवा न की बिज़नेस सत्य घटना #Sadharanmanushya ©#maxicandragon मै घर से निकला था एक दोस्त के साथ, काम था , उसका इलाज के लिए जा रहे थे Nagpur, दोपहर के १२ बज चुके थे , हम हॉस्पिटल में आ गए थे , टेस्ट से पहले काउंटर पर दोस्त ने ३०० रु जमा किया क्योकि बिना फीस के कोई टेस्ट या वक़्त देता नहीं लगभग १घन्टे में टेस्ट करवाके हम वापस हो रहे थे शहर से बहार निकलकर जब हम ४०-५० किमी आ गए रास्ते में अनजान आदमी अपनी मोपेड से गिरा हुआ , घायल स्थिति में पड़ा था उसका हेलमेट मोबाइल कुछ पेपर वगैरह बिखरे पड़े थे हाथ पैर कांप रहे थे