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बिहार के महापर्व छठ🙏 पार्ट-४ कृप्या अनुशीर्षक भी

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  {रामायण से}
🌷👉एक मान्यता के अनुसार लंका विजय के बाद रामराज्य की स्थापना के दिन कार्तिक शुक्ल षष्ठी को भगवान राम और माता सीता ने उपवास किया और सूर्यदेव की आराधना की। सप्तमी को सूर्योदय के समय पुनः अनुष्ठान कर सूर्यदेव से आशिर्वाद प्राप्त कियाथा।
 छठ के कुछ गीत जो जब भी आप सुनेंगे मन ख़ुश हो जाएगा...!
           {छठ गीत}
👉लोकपर्व छठ के विभिन्न अवसरों पर जैसे प्रसाद बनाते समय, खरना के समय, अर्घ्य देने के लिए जाते हुए, अर्घ्य दान के समय और घाट से घर लौटते समय अनेकों सुमधुर और भक्ति भाव से पूर्ण लोकगीत गाए जाते हैं।
🌷👉केलवा जे फरेला घवद से, ओह पर सुगा मे़ड़राय काँच ही बाँस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए' सेविले चरन तोहार हे छठी मइया। महिमा तोहर अपार। उगु न सुरुज देव भइलो अरग के बेर। निंदिया के मातल सुरुज अँखियो न खोले हे। चार कोना के पोखरवा हम करेली छठ बरतिया से उनखे लागी।

कृप्या अनुशीर्षक भी जरूर पढ़ें:- {रामायण से} 🌷👉एक मान्यता के अनुसार लंका विजय के बाद रामराज्य की स्थापना के दिन कार्तिक शुक्ल षष्ठी को भगवान राम और माता सीता ने उपवास किया और सूर्यदेव की आराधना की। सप्तमी को सूर्योदय के समय पुनः अनुष्ठान कर सूर्यदेव से आशिर्वाद प्राप्त कियाथा। छठ के कुछ गीत जो जब भी आप सुनेंगे मन ख़ुश हो जाएगा...! {छठ गीत} 👉लोकपर्व छठ के विभिन्न अवसरों पर जैसे प्रसाद बनाते समय, खरना के समय, अर्घ्य देने के लिए जाते हुए, अर्घ्य दान के समय और घाट से घर लौटते समय अनेकों सुमधुर और भक्ति भाव से पूर्ण लोकगीत गाए जाते हैं। 🌷👉केलवा जे फरेला घवद से, ओह पर सुगा मे़ड़राय काँच ही बाँस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए' सेविले चरन तोहार हे छठी मइया। महिमा तोहर अपार। उगु न सुरुज देव भइलो अरग के बेर। निंदिया के मातल सुरुज अँखियो न खोले हे। चार कोना के पोखरवा हम करेली छठ बरतिया से उनखे लागी। #Mythology #nojotohindi #nojotonews #Novembercreator #बिहारकामहापर्वछठ

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