की तुम्हारी हसी,तुम्हारा गुस्सा,तुम्हारी बातें ये सब झूठ बोल रही थी। मुझे क्या पता था की जो मुझे सच और झूठ में फर्क करना सिखाता था वो खुद ही झूठा था। मुझे क्या पता था की जो मुझे सही राह पर चलने की सीख देता था वो खुद ही गलत रास्ते पर चल रहा था। मुझे क्या पता था की जो मुझे खुद को पहचानने के लिए बोलता था वो तो खुद से ही अंजान था। मुझे क्या पता था की जो मुझे दोस्ती और प्यार का मतलब समझता था वो खुद ही उनकी अहमियत से अंजान था। अनजाने में सब से ग़लतियाँ हो जाती हैं। Collab करें YQ Didi के साथ। #मुझेक्यापताथा #collab .......