आज़ मेरी रूह में एक अजीब सी हलचल हुई और ऐसा लगा मानो इस मदहोश फिज़ा में मचलते मौसम ने अंगड़ाई लेकर ठंडे-ठंडे हवा के झोकों संग मिलकर आहिस्ता-आहिस्ता तेरे सुर्ख रुख़सार को छुआ हो जैसे । #NojotoQuote आज़ मेरी रूह में एक अजीब सी हलचल हुई और ऐसा लगा मानो इस मदहोश फिज़ा में मचलते मौसम ने अंगड़ाई लेकर ठंडे-ठंडे हवा के झोकों संग मिलकर आहिस्ता-आहिस्ता तेरे सुर्ख रुख़सार को छुआ हो जैसे ।