पंख फैलाकर उड़ूँ, छू लूँ आसमान बसा लूँ वहीं पर कहीं, अपना प्यारा सा जहां जहाँ ना होगा बैर और द्वेष दिलों में, बस एकता और भाईचारा होगा वहाँ ग़मों का ना होगा बसेरा, खुशियों के फूल चहूं ओर खिलेंगे वहाँ दिल चाहता है कि तुम दिल में रह जाओ। आईए कॉलेब कीजिये हमारे उस दिल से निकलर दिल छू लेने वाले कॉलेब के साथ और बताईए कि आपका दिल क्या चाहता है। "कॉलेब करने के बाद कमेंट बॉक्स में 'संपन्न'/'Done' लिखना न भूलें"