मैंने उस पैमाने तक ख़ुद को रख लिया जहाँ तकलीफ के किवाड़ भी हो गये बन्द भीतर की आग भी हो गई राख़ अब अन्तर मन की आवाज़ सुनाई देने लगी साफ़ बहुत सह लिया... हाँ,मैंने ..बहुत सह लिया बहुत सह लिया अब ना सहेंगे। आखिरी दम तक लड़ते रहेंगे।। 👉आओ अब कुछ लिख जायें।। कोलाब कीजिए और अपने दोस्तों को भी कोलाब करने के लिए आमंत्रित कीजिए :- #बहुतसहलिया #collabwithकाव्यपथिक