ये सिगरेट और इसका कस तुम्हारे सारे गम भूला रहे है ये सिगरेट जो तुम्हारी यादें थीं उनकी सौतन बनती जा रही है, क्या तुम को ये तन्हाई सताती है जाना तुम इनकी आशना में आओ सब कुछ और बेझिझक तड़प सब आदतें भूला देती है, तुम भी कभी इनका ख़याल करो इनकी चाहतें बेहिसाब है। #कुमार किशन #सिगरेट