इस पेड़ को देखो कैसे कुछ कह रहा हो, ठंडी हवा के झोके सह रहा हो। इस नदी के गहराई में देखो गौर से, जुनून का पानी जैसे बह रहा हो।। ©Bhavya jain #mausom