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मुक्तक विधान-१,२ एवं ४ पंक्ति तुकांत तथा ३ पंक्ति

मुक्तक 
विधान-१,२ एवं ४ पंक्ति तुकांत
तथा ३ पंक्ति अतुकांत
सममात्राभार पर आधारित

गरीबी गीत गाती है,अमीरी को, रिझाती है।
सुखाकर कंठ ये अपना,इनके प्यास,बुझाती है।।
गलाकर फेंक दे भोजन,अगर या छोड़ दें सड़ने-
हुजूरी चल,रही इनकी,सुनो दुनिया,बताती है।१

मिले जब कष्ट भी इनको,कहे ये भाग्य में लिखा।
अमीरी चाकरी करना ,गरीबी ने, यही सिखा।।
नयनजल बेचके हरदम,गरीबी पेट भरती है-
हमें आराम देते क्या,उन्हें हमने,कभी देखा।२

©Bharat Bhushan pathak
  मुक्तक 
विधान-१,२ एवं ४ पंक्ति तुकांत
तथा ३ पंक्ति अतुकांत
सममात्राभार पर आधारित
गरीबी गीत गाती है,अमीरी को, रिझाती है।
सुखाकर कंठ ये अपना,इनके प्यास,बुझाती है।।
गलाकर फेंक दे भोजन,अगर या छोड़ दें सड़ने-
हुजूरी चल,रही इनकी,सुनो दुनिया,बताती है।१

मुक्तक विधान-१,२ एवं ४ पंक्ति तुकांत तथा ३ पंक्ति अतुकांत सममात्राभार पर आधारित गरीबी गीत गाती है,अमीरी को, रिझाती है। सुखाकर कंठ ये अपना,इनके प्यास,बुझाती है।। गलाकर फेंक दे भोजन,अगर या छोड़ दें सड़ने- हुजूरी चल,रही इनकी,सुनो दुनिया,बताती है।१ #writersofinstagram #कविता #nojotopoetry #nojotohindi #shayaris #writeraofindia #छंदज्ञान #nojotohindi2020 #विधाता_छंद

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