किसी ग़रीब को यूं न सताया करो, देकर रोटी उसे,यूँ न हक जताया करो। मदद को दौड़े हो तो उसमे स्वार्थ न हो कोई, किसी के मजबूरी का,यूँ न फायदा उठाया करो। हरकतें तुम्हारी बता रहीं हैं,कि तुम बेचैन हो, राज़ दिल के हर किसी को,यूँ न बताया करो। कभी-कभी तुम्हारी इंसानियत पे शक होता है, दिखावे का तुम यूँ न आंशू बहाया करो। भगवान के घर देर है,मगर अंधेर नहीं, टोपी बईमानी की,किसी को न पहनाया करो। #aaleshquote #sachchibaten