नदी की धार न बनना कभी, अस्तित्व जो मिटाना पड़ेगा। समंदर की वह ऊंची लहर बनना, नमकीन हो पर पाने के लिए सभी को तड़पना होगा।। ©BINOदिनी #शायरी #जीवन