वो जिसे ढूँढता रहा मैं कल रातभर आज सुबह आईने में मिला खोना नहीं चाहते उसे जिसे कभी हम पा नहीं सकते अंधेरों में छोड़ चला गया मुझे चाँद जिसे मैंने कहा था कभी... -मिथिलेश बारिया ©VED PRAKASH 73 #गोल_चबूतरा