फासला जरा सा था दूरियों को मिटाने में, उन्होंने देर कर दी, कदमों को बढ़ाने में। नैन निहारते रहे पथ को उनके इन्तज़ार में, जज्बात बिक गए इंसानियत के बाज़ार में। कई बार हम देख नहीं पाते या हम देखना नहीं चाहते...... #फ़ासलाज़रासाथा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi