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चांद! तुम सो रहे हो, तारों के चादर पर। दिल भी खो ग

चांद! तुम सो रहे हो, तारों के चादर पर।
दिल भी खो गया, किसी के मदहोश यादों पर।

नींदों का अब नहीं होता असर,
उनकी तस्वीर छा जाती है आंखों पर।
बड़े अजीब हैं ये रिश्ते,
बीन बताये आ जाते हैं दिल के दरवाजे पर।
~~शिवानन्द रात में बातें करने के लिए जब कोई नहीं होता है पास
ऐसे में चाँद से अच्छा दोस्त कौन हो सकता है
मगर कभी-कभी उसको भी नींद आ जाती है।

उसे उठाइए, बातों के लिए मनाइए

#चाँद
#collab
चांद! तुम सो रहे हो, तारों के चादर पर।
दिल भी खो गया, किसी के मदहोश यादों पर।

नींदों का अब नहीं होता असर,
उनकी तस्वीर छा जाती है आंखों पर।
बड़े अजीब हैं ये रिश्ते,
बीन बताये आ जाते हैं दिल के दरवाजे पर।
~~शिवानन्द रात में बातें करने के लिए जब कोई नहीं होता है पास
ऐसे में चाँद से अच्छा दोस्त कौन हो सकता है
मगर कभी-कभी उसको भी नींद आ जाती है।

उसे उठाइए, बातों के लिए मनाइए

#चाँद
#collab