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मेरी दुआ वो मुस्कुरा तो रही थी, पर उसकी नन्ही मुस

मेरी दुआ  वो मुस्कुरा तो रही थी,
पर उसकी नन्ही मुस्कुराहट बहुत सारी वेदनाएं सह रही थी।

उसकी आंखे बता रही थी हाल उसका,
वो शायद कुछ दिन और रुक जाने के लिए कह रही थी।

मेरी आंखो में ये सोच के आंसू आ गए,
"जनाब" वो बिना पापा के इतने दिन,
कैसे रह रही थी...।

©vijay chauhan फौजी
मेरी दुआ  वो मुस्कुरा तो रही थी,
पर उसकी नन्ही मुस्कुराहट बहुत सारी वेदनाएं सह रही थी।

उसकी आंखे बता रही थी हाल उसका,
वो शायद कुछ दिन और रुक जाने के लिए कह रही थी।

मेरी आंखो में ये सोच के आंसू आ गए,
"जनाब" वो बिना पापा के इतने दिन,
कैसे रह रही थी...।

©vijay chauhan फौजी