हर ख्वाहिश हो मंजूर ए खुदा तेरे दर से कोई खाली न जाये, खुशियों से महके हर दिन,,,हर पल ईद दिवाली मन जाये, एक तू ही परवरदिगार है जिसके सहारे ये क़ायनात चल रही, रखना रहमत की निगाहें कोई मासूम खाली आशना न सोये, कर्मों का फल और नेकियों का लेखाजोखा तू ही तो करता है, दिग्भ्रमित न हो चलाना नेक राह पर कोई कड़े बीज न बोये। आप सभी को ईद की हार्दिक शुभकामनाएं । 🌀A challenge by Collab Zone🌟 ✔️समय - 15 May शाम 5 बजे तक ✔️ 4-6 पंक्तीयो में ही रचना लिखनी है ।