तु अगर जनता है तो नग पहचान अंगूठी के,, किसने की है नाम ये अपनी जान अंगूठी के।। ये वस्ल के लोग रिश्ते ले जाते हैं मुफलसी में,, और हम तो सदिओ से रहें मेहरबान अंगूठी के।। हम तेरे रख रखाव को भी ठहराव समझ बैठे,, खेर कोई वादे होते नही इतने आसान अंगूठी के।। तूने अगर दिल से पहनी है तो गौर से देखना,, जरूर आए होगे तेरी उगली पर निशान अंगूठी के।। आज तेरी सफ में खड़े है तो एहसास हुआ हमको,, केसे छोड़े जाते है रह में मनीष राएगान अंगूठी के।। ©Manish chauhan #hindipoetry #anguthi #shayeri #nojotopost