अजीब सी दास्तान हो गई हैं ये ज़िन्दगी सफऱ तेरे साथ काटना था। फिर तू चला गया, सब दफन सा लगता था। अब जो मिले तुमसे तो ख़ाक से राख लगते हैं । शिद्दत सी मोहब्बत में आग सी लगती हो जैसे जब तू साथ था वक़्त बहुत पाक था, फिर से जो मील तो तुझसे बिछड़ना पड़ेगा सोच कर रूहे गलती हैं। untoldstory⌚ poetry writergoal🍃 #अजीब सी #दास्तान हो गई हैं ये #ज़िन्दगी #सफऱ #तेरे #साथ काटना था।