चाहते हो मुस्कुराऊँ मैं भी चाहती हूँ... मुस्कुराती हूँ...रिसती है प्रीत सिक्त विरह रिसता है रक्त मौन का चाहनाएँ और चाँदना डूबा देता है आईना लेकिन तुम चिंता मत करना मैं अब भी नहीं भूली तुम्हें पसंद है मेरा हँसना मौसम सर्द है...तुषारावृत्त! आँखों में जम रही है बर्फ़ हिमालय के स्वप्न में मन की धाराएँ हिमनद पर सभ्यता के क्रम में तुम्हारे कुशल हाथों के बाँध बाँध लेते हैं तल अतल अनहद #toyou#tearingsmile#bleedingdesires#yqcold