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जिन्दगी तू नचाती बहुत हैं. कल के बारे में सोचना. क

जिन्दगी तू नचाती बहुत हैं.
कल के बारे में सोचना.
कभी किस्मत को कोशना. 
फिर भी जिम्मेदारियों और उलझनों का.. 
 भरा  हुआ टोकरा हैं जिन्दगी... 
वक़्त के साथ बढ़ने की फिक्र हैं जिन्दगी
सबकी रोजी-रोटी की जिक्र हैं जिन्दगी.. 
कभी -कभी मजबूरी में भी मुस्कुराना पड़ता हैं.. 
ना चाहते हुए भी हर दर्द छिपाना पड़ता हैं.. 
आँसू छिपाने की एक कोशिश भी हैं जिन्दगी.. 
कभी-कभी मन मे ख्याल रख... 
तुझको अक्सर सोचती हूँ ऐ जिन्दगी.. 
कितने अच्छे थे हमारे वो नादानियों वाले दिन.. 
खेल-खेल में हर पल को थाम लेते थे.. 
कर हजार गलतियाँ हर दिन गुजार लेते थे.. 
अब जिन्दगी के बाजार में हो जाए कोई गलती,
मनो उदासियों से खुद को भर लेते हैं हम जिन्दगी.. 
अब सुन ले जरा मेरी तू भी जिन्दगी.
ना भागेंगे हम जिम्दारियों से ना डरेंगे उलझनों से.. 
दर्दो को दरकिनार कर हँस कर जिएंगे तुझे ऐ जिन्दगी.. 
सदा करते जाएंगे नादानियाँ... 
तुझे खुलकर जिएंगे हम जिन्दगी..

©priyanka gupta (gudiya) #जिंदगी_का_सच #मनकेअल्फाज़ Mahi उत्कर्ष शुक्ल UK Kajal Singh [ ज़िंदगी ] Vijay Kumar अब्र (Abr)  Anshu writer Hardik Mahajan ARTIST VIP. MISHRA SaNkEt VeRmA R Ojha

#जिंदगी_का_सच #मनकेअल्फाज़ Mahi उत्कर्ष शुक्ल UK Kajal Singh [ ज़िंदगी ] Vijay Kumar अब्र (Abr) @Anshu writer @Hardik Mahajan ARTIST VIP. MISHRA SaNkEt VeRmA @R Ojha

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